Religious

google-site-verification: google5caa7ff42350d69d.html

 


 


 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous">

Posted by Surender Kumar on Monday, February 13, 2023

श्रावण मास शिव पूजा से बन जाता है सुखदाई और फलदाई  

 हिंदू धर्म में भगवान शिव को समर्पित है सावन का महीना ।हिंदू धर्म में इस महीने का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में शिव की आराधना करने से ही व्यक्ति की हर इच्छा पूरी हो जाती है। श्रावण मास हिंदी कैलेण्डर का 5वां महीना होता है और हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि में मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है।

          script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous"> धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय माना जाता है । सप्ताह के सात दिनों में से सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है । इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है । सोमवार का दिन इसलिए विशेष महत्व रखता है । वैसे तो बहुत से लोग हर सोमवार का व्रत रखते हैं , लेकिन श्रावण मास में सोमवार का व्रत रखना अति फलदाई होता है, ऐसी मान्‍यता हमारे धर्म बहुत है।

          इस महीने में भगवान शंकर की पूजा की जाती है ।   भोलेनाथ को ये महीना बहुत प्रिय है ऐसी मान्‍यता है ।इस महीने में जो भी भक्‍तजन उनकी श्रद्धा और भक्ति से पूजा अर्चना करता है, शिव उसकी मनोकामना को अवश्य पूरा करते हैं । script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous"> इस कारण से ही श्रावण मास में मंदिरों में खूब पूजा पाठ किया जाता है । सावन आते ही मंदिरों में भक्‍तों की क़तारें लग जाती है

           भगवान शिव का यह पावन महीना माना जाता है। शिव का प्राकट्य भी इसी माह में हुआ ऐसी मान्यता है।श्रावण हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से प्रारंभ होने वाले वर्ष का पाँचवा महीना है जो ईस्वी कलेंडर के जुलाई या अगस्त माह में पड़ता है। इसे वर्षा ऋतु का महीना भी कहा जाता है । क्योंकि इस समय भारत में काफ़ी वर्षा होती है।

          हमारे हिन्दू धर्म में सावन के महीने को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में प्रतिदिन शंकर जी की पूजा-अर्चना की जाती है और हर सोमवार को भगवान शिव की विशेषरुप से पूजा की जाती है। यदि लोग पूजा-पाठ या व्रत नहीं करते वो भी इस महीने में पूरी नियम-निष्ठा से रहते हैं।

          उपवास के नियमों का हमें पालन करना चाहिए। जल्दी उठना चाहिए ब्रह्म मुहूर्त में , पूजा कक्ष को साफ करें , भगवान शिव का अभिषेक करें , ब्रह्मचर्य बनाए रखें, मांस, अंडा, लहसुन और प्याज खाने से बचना चाहिए, शराब से दूर रहना चाहिए ,  मेवे और फल खाएं।  सेंधा नमक का उपयोग करके सात्विक भोजन बनाएं और खाएं। script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous">

           अविवाहितों के लिए इस माह में पूजा अर्चना करना शुभ होता है ऐसा करने से उन्हें मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भक्त श्रावण मास के दौरान पूरी श्रद्धा और समर्पण के साथ भगवान शिव की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहा जीवनसाथी मिलता है या मनवांछित फल प्राप्त होता है।

          पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में माता पार्वती ने तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था इसलिए भी भगवान भोले नाथ को यह मास अति प्रिय है ।

          हिंदू मान्यताओं के अनुसार मधु अभिषेक से यानि शिवलिंग पर शहद चढ़ाने से शारीरिक कष्टों में कभी आती है और दुःखों का अंत होता है।

          विष के प्रभाव से जब शिव ने विष पान किया था और शरीर में जलन को कम करने के लिए तब देवताओं ने शिव जी पर शीतल जल डाला और इसके बाद विष का प्रभाव और शरीर का ताप कम हुआ इस कारण से कि अन्य माह के मुकाबले श्रावण मास में शिविंग पर जल चढ़ाने का महत्व बढ़ जाता है script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous"> शिव को बेलपत्र , फूल , चन्दन का स्नान कराया जाता है।

           इसी तरह, माना जाता है कि पवित्र जल डालने के बाद दूध मिलाने से मस्तिष्क और आत्मा को  करुणा, अच्छे विचार और सात्विक मानसिकता का पोषण मिलता है।  शिवपुराण के अनुसार, सावन का महीना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इस माह को भगवान शिव के सभी भक्त कावड़ के रूप में मनाते हैं सावन का महीना 04 जुलाई से शुरू हो गया है।

          इस साल सावन माह 59 दिनों का है 19 साल बाद ऐसा  संयोग बना है कि श्रावण में अधिकमास होने के कारण 8 सावन सोमवार व्रत और 9 मंगला गौरी व्रत हैं । श्रावण में अधिकमास का प्रारंभ 18 जुलाई दिन मंगलवार से हो रहा है और इसका समापन 16 अगस्त दिन बुधवार को होगा सावन 2023 04 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त गुरुवार को समाप्त होगा ।

          2023 में सावन की शिवरात्रि 15 जुलाई को है।ऐसा माना जाता है कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था इसके अलावा शिवजी का विवाह भी इस दिन माना जाता है । script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous"> इस दिन भोलेनाथ की व्रत , पूजा अर्चना से व्यक्ति को जीवन में सम्पूर्ण सुखों कीप्राप्ती होती है। वैसे महीने की हर चतुर्दशी को मास शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन शिवजी का महीना है, इसलिए इसका महत्व विशेष होता है । यह श्रावण मास पवित्र खूब सुख देने वाला है, इसलिए शिव पूजा अवश्य करें। 

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-2454566038763231" crossorigin="anonymous"> 🥀🌹🌼🌷🌺💐🌻🌸💮🥀🌹🌼🌷🌺💐🌻🌸

टिप्पणियाँ

Popular posts

🥀🌹🌼Make Your Own Fresh, Pure Oil at Home Gorek Technologies GT-OT Oil Press🌼🌹🥀

The most stylish and compact foldable phone Samsung Galaxy Z Flip4 5G

MOST AFFORDABLE 5G MOBILES UNDER 20000

Samsung Galaxy F14 5G Review: A Great Choice for Gamers and Content Creators

12 Great Smart Phones From Xiaomi